Manuscript Number : SHISRRJ236516
विद्यार्थियों के बौद्धिक विकास पर चयनित योगाभ्यास का प्रभाव: एक यादृच्छिक प्रयोगात्मक अध्ययन
Authors(2) :-डॉ. समरजीत सिंह, अजय उनियाल
मनुष्य के सम्पूर्ण जीवनकाल में विद्यार्थी जीवन सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण है इस पर ही सम्पूर्ण देश का वर्तमान एवं भविष्य निर्भर करता है। जिस देश के विद्यार्थी सर्वाधिक शक्ति संपन्नता के साथ सही दिशा में उन्नति के पथ पर अग्रसर है , उस देश को पूरे विश्व में अग्रणी होने से कोई भी रोक नहीं सकता। विद्यार्थी जीवन की समस्याओं के समाधान एवं उनकी निरंतर प्रगति में योग की भूमिका महत्त्वपूर्ण स्थान रखती है। वर्तमान समय में विद्यार्थियों की आवश्यकता है- ,शारीरिकमानसिक एवं बौद्धिक स्वास्थ्य की, जिससे जीवन में निर्धारित प्रत्येक लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। इसके लिए आवश्यक है कि महर्षि पतंजलि कृत यम, नियम आसन, प्रणायाम, एवं ध्यान का अभ्यास एवं हठ योग में वर्णित योगाभ्यास अनुकूल प्रभाव देता है। इससे शरीर क्रियाशील, मन ऊर्जावान एवं बुद्धि तेज होती है। ऊर्जा का संर्वधन होकर सकारात्मक दिशा में क्रियान्वयन होता है। योग के मर्मज्ञ वैज्ञानिक, ऋषि-मुनियों ने मानवीय मन एवं अंतर प्रकृति पर जो प्रयोग किये, उनमें योग विज्ञान में अद्वितीय अम्लय व दर्शनीय है। प्रस्तुत अध्ययन में ‘‘द्विसमूह पूर्व-पश्चात् यादृच्छिक समूह अभिकल्प’’ की सहायता से आयु नौ से पंद्रह वर्ष के विद्यार्थियों को दो अर्थात् नियन्त्रित तथा प्रयोगात्मक (योग) समूहों में विभाजित किया गया। प्रारम्भिक परीक्षण अर्थात् मोहसिन जनरल इंटेलिजेंस टेस्ट के पश्चात् केवल प्रयोगात्मक समूह को तीन माह तक चयनित योगाभ्यास कराया गया। तीन माह के पश्चात् पुन: परीक्षण करने पर प्रयोगात्मक (योग) समूह के बौद्धिक विकास में सांख्यकीय रूप से सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुए जबकि नियंत्रित समूह में कोई अंतर नहीं पाया गया। इससे सांख्यकीय परिकल्पना कि विद्यार्थियों के बौद्धिक विकास पर नियंत्रित समूह की अपेक्षा प्रयोगात्मक समूह पर चयनित योगान्यास का सार्थक प्रभाव पड़ता है, सिद्ध होती है।
डॉ. समरजीत सिंह विद्यार्थी, किशोर, ऊर्जा, बौद्धिक, +मनोविज्ञान, योग, हठ योग, मोहसिन जनरल इंटेलीजेंस टेस्ट। Publication Details Published in : Volume 6 | Issue 5 | September-October 2023 Article Preview
सह-प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष, योग विभाग, सैम ग्लोबल विश्वविद्यालय, भोपाल (म.प्र.)
अजय उनियाल
शोधार्थी, पी.एच. डी. (योग), सैम ग्लोबल विश्वविद्यालय, भोपाल (म.प्र.)
Date of Publication : 2023-09-11
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 56-62
Manuscript Number : SHISRRJ236516
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ236516