नाट्यशास्त्र में छन्दों की प्रासंगिकता

Authors(1) :-प्रियंका मौर्या

जलवायु में परिवर्तन का कृषि से अटूट संबंध है क्योंकि कृषि आज भी मूलभूत रूप से मौसम पर निर्भर है, इसलिए मौसम में बढ़ते परिवर्तनों का सबसे पहले नकारात्मक प्रभाव कृषि पर ही पड़ रहा है।

Authors and Affiliations

प्रियंका मौर्या
शोधच्छात्रा (संस्कृत विभाग), गया प्रसाद स्मारक राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय, अम्बारी, आजमगढ़, उत्तर प्रदेश।

जलवायु परिवर्तन, कृषि

  1. पाणिनीय शिक्षा, वाचस्पति ङा0 दिव्यचेतनब्रम्हचारी, (चौखम्बा संस्कृत पुस्तकालय) ।
  2. छन्दोऽलंकारसौरभम्–डॉ. अभिराज राजेन्द्र मिश्र पृ०.5
  3. ऋक्सूक्त संग्रहः, डा0 हरिदत्तशास्त्री व कृष्णकुमार (भूमिका, पृ0 27)।
  4. श्रीमद्भगवद्गीता ।
  5. पाणिनीय धातु पाठ , भ्वादिगण-70
  6. नाट्यशास्त्र 14/44, पृ० 236 (पारसनाथ द्विवेदी कृत)।
  7. वहीं (14/54)।
  8. अभिनवभारती, भाग-2, रविशंकर नागर के0 एल0 जोशी, (परिमल संस्कृत ग्रन्थमाला संख्या 4)।
  9. नाट्यशास्त्र, (14/55)।
  10. वहीं, (14/80)।
  11. वहीं, (14/88)।
  12. वहीं, (14/85)।
  13. वहीं, (14/89)।
  14. वहीं, (14/99)।
  15. अभिनवभारती, भाग-2।
  16. नाट्यशास्त्र,(14/100)।
  17. अभिनवभारती, भाग-2
  18. नाट्यशास्त्र, (14/100)।
  19. वहीं, (14/101)।
  20. वहीं, (14/103)।
  21. वहीं, (14/106)।
  22. वहीं, (14/108)।
  23. वहीं, (14/113)।
  24. वहीं, (15/128)।
  25. अभिनवभारती, भाग-2।
  26. नाट्यशास्त्र, (15/126-127)।
  27. नाट्यशास्त्र, (15/125-126)।

Publication Details

Published in : Volume 6 | Issue 6 | November-December 2023
Date of Publication : 2023-12-21
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 112-118
Manuscript Number : SHISRRJ236618
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

प्रियंका मौर्या, "नाट्यशास्त्र में छन्दों की प्रासंगिकता", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 6, Issue 6, pp.112-118, November-December.2023
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ236618

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