इतिहास बोध और आलोचना: एक आलोचनात्मक अध्ययन

Authors(1) :-डाॅ0 माया गोला

रचना की संवेदनशीलता, उसकी कल्पना शक्ति का विकास सामाजिक व्यवहार से ही तय होता है और प्रत्येक सामाजिक व्यवहार का अपना इतिहास होता है और यही तत्व रचनाकार से होते हुए उसकी कृति में उपस्थित होता है और आलोचना जब अपना दायित्व निभाती है तो वह इस इतिहास बोध की प्रक्रिया को भूलती नहीं है।

Authors and Affiliations

डाॅ0 माया गोला
सहायक प्राध्यापक, हिंदी विभाग, सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, परिसर, अल्मोड़ा, उत्तराखण्ड।

इतिहास, बोध, आलोचना, संवेदनशीलता, सामाजिक, हिन्दी।

  1. इतिहास लेखन: अवधारणा, विधाएँ एवं साधन, डाॅ0 बी0के0 श्रीवास्तव, एस0वी0पी0डी0 पब्लिशिंग हाउस, आगरा (उ0प्र0), पृ0 2
  2. वही, पृ0 2
  3. वही, पृ0 2
  4. इतिहास दर्शन, डाॅ0 झारखण्डे चैबे, विश्वविद्यालय प्रकाशन, वाराणसी, पृ0 15
  5. वही, पृ0 15
  6. इतिहास लेखन: अवधारणा, विधाएं एवं साधन, डाॅ0 बी0के0 श्रीवास्तव, एस0बी0पी0डी0 पब्लिशिंग हाउस, आगरा (उ0प्र0), पृ0 3
  7. वही, पृ0 4
  8. वही, पृ0 5
  9. इतिहास -दर्शन, डाॅ0 झारखण्डे चैबे, विश्वविद्यालय प्रकाशन, वाराणसी, पृ017
  10. इतिहास लेखन, धारणाएँ तथा पद्धतिया,ँ डाॅ0 के0एल0 खुराना, डाॅ0 आर0के0 बंसल, लक्ष्मी नारायण अग्रवाल, आगरा, पृ0 3
  11. वही, पृ0 3-4
  12. वही, पृ0 4
  13. वही, पृ0 4-5
  14. इतिहास, एस0आर0 वर्मा, साहित्य भवन पब्लिशर्स एण्ड डिस्ट्रीब्यूटर्स (प्रा0लि0), आगरा, पृ0 2
  15. वही, पृ0 1
  16. इतिहास लेख एक पाठ्यपुस्तक, ई0श्रीधरन, अनुवाद मनजीत सिंह सलूजा, ओरियंट ब्लैकस्वाॅन प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली, पृ0 1
  17. इतिहास लेखन: अवधारणा विधाएं एवं साधन, डाॅ0 बी0के0 श्रीवास्तव, एस0बी0पी0डी0 पब्लिशिंग हाउस, आगरा (उ0प्र0), पृ0 5
  18. इतिहास-दर्शन, डाॅ0 झारखण्डे चैबे, विश्वविद्यालय प्रकाशन, वाराणसी (उ0प्र0), पृ0 1
  19. हिंदी साहित्य का सरल इतिहास, विश्वनाथ त्रिपाठी, ओरियंट ब्लैक स्वाॅन, नोएडा (उ0प्र0), आमुख से उद्धृत
  20. इतिहास लेखन: अवधारणा, विधाएँ एवं साधन, डाॅ0 बी0के0 श्रीवास्तव, एस0बी0पी0डी0 पब्लिशिंग हाउस, आगरा (उ0प्र0), पृ0 8
  21. वही, पृ0 7
  22. इतिहास लेख एक पाठ्य पुस्तक, ई0 श्रीधरन, अनु0 मनजीत सिंह सलूजा, ओरियंट ब्लैकस्वाॅन प्राइवेट लिमिटैड, पृ0 3-4
  23. इतिहास, एस0आर0वर्मा, साहित्य भवन पब्लिशर्स एण्ड डिस्ट्रीब्यूटर्स (प्रा0) लि0, आगरा, पृ0 1
  24. आधुनिक साहित्य और इतिहास बोध, नित्यानंद तिवारी, वाणी प्रकाशन, नयी दिल्ली, पृ0 18-19
  25. इतिहास बोध: प्रतिरोध और संस्कृति, प्रकाशचंद्र भट्ट, विकास प्रकाशन, कानपुर, पृ0 भूमिका से उद्धृत
  26. आलोचना की पहचान: रूप-बोध और इतिहास-बोध, आलोचना का नेपथ्य, निर्मला जैन, संपा0 विश्वरंजन, शिल्पायन प्रकाशन, दिल्ली, पृ0 70-71
  27. साहित्य और इतिहास दृष्टि, मैनेजर पाण्डेय, वाणी प्रकाशन, दिल्ली, पृ0 भूमिका से उद्धृत
  28. वही, पृ0 24
  29. वही, पृ0 74-75
  30. वही ,पृ0 87

Publication Details

Published in : Volume 6 | Issue 6 | November-December 2023
Date of Publication : 2023-12-21
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 182-190
Manuscript Number : SHISRRJ236628
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

डाॅ0 माया गोला, "इतिहास बोध और आलोचना: एक आलोचनात्मक अध्ययन ", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 6, Issue 6, pp.182-190, November-December.2023
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ236628

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