अलका सरावगी के कहानियों में नैतिक जीवन-मूल्य

Authors(1) :-कु. राजवती

जीवन-मूल्य के समतुल्य माने जाना अनुचित न होगा क्योंकि जीवन मूल्यों की तरह मानव के कतिपय नैतिक कर्तव्य, नैतिक धर्म, नैतिक जिम्मेदारी आदि दायित्व होते हैं, जो प्रसंगानुसार अर्थ देते हैं। नैतिक मानव मूल्यों के परिणाम अब विवाह योग्य, विचार दाम्पत्य जीवन के लिए प्रेम-विवाह में भी व्यवहृत होने लगे हैं। हमारी परम्पराओं जो नैतिक मूल्य समाहित हैं वे पूर्व से अपरिचित जोड़ों को जीवन-साथी बनाने में अपना अमिट योगदान देते हैं।

Authors and Affiliations

कु. राजवती
शोधार्थी, हिन्दी—विभाग आगरा कॉलेज, आगरा।

अलका सरावगी, कहानी, नैतिक, जीवन-मूल्य, स्त्री-पुरुष, मानव, स्वतन्त्रता।

  1. अलका सरावगी के कथा साहित्य का मूल्यांकन
  2. पृष्ठ संख्या 74
  3. पृष्ठ संख्या 75
  4. पृष्ठ संख्या 79
  5. पृष्ठ संख्या 80
  6. पृष्ठ संख्या 178
  7. पृष्ठ संख्या 179
  8. पृष्ठ संख्या 180
  9. पृष्ठ संख्या 181

Publication Details

Published in : Volume 6 | Issue 6 | November-December 2023
Date of Publication : 2023-11-11
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 248-250
Manuscript Number : SHISRRJ236636
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

कु. राजवती, "अलका सरावगी के कहानियों में नैतिक जीवन-मूल्य ", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 6, Issue 6, pp.248-250, November-December.2023
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ236636

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