Manuscript Number : SHISRRJ236641
भट्टि काव्य या रावण वध में श्रीराम का स्वरूप
Authors(2) :-राजेश कुमार मिश्र, डाॅ0 प्रद्युम सिंह नाटक में गद्य और पद्य दोनों का आनन्द प्राप्त हो जाता है विश्व के प्रत्येक साहित्य में नाटकों का सर्वोच्च स्थान प्राप्त है। कतिपय नाटकों में श्री राम के स्वरूप का चित्रण इस रीति से उद्घटित है।
राजेश कुमार मिश्र भट्टिकाव्य, रावण, श्रीराम, साहित्य, रीति, सत्यप्रतिज्ञ। Publication Details Published in : Volume 6 | Issue 6 | November-December 2023 Article Preview
शोध छात्र, हिन्दी विभाग, हण्डिया पी0जी0 काॅलेज, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश।
डाॅ0 प्रद्युम सिंह
सहायक आचार्य, हिन्दी विभाग, हण्डिया पी0जी0 काॅलेज, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश।
Date of Publication : 2023-11-21
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 268-271
Manuscript Number : SHISRRJ236641
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ236641