Manuscript Number : SHISRRJ23672
हिन्दी साहित्यकार उषा प्रियंवदा के उपन्यासों में चित्रित नारी यथार्थ
Authors(1) :-राखी पचौरी आधुनिक महिला साहित्यकारों में विशिष्ट स्थान रखने वाली उषा प्रियंवदा हिन्दी साहित्य जगत का एक ऐसा नाम है जिन्होेंने न केवल राष्ट्रीय स्तर पर, अपितु अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भी ख्याति अर्जित की। उन्होंने विदेशी भूमि पर रहते हुए भी हिन्दी साहित्य को गरिमा पूर्ण स्थान प्रदान किया है। यूँ तो उषा जी का सहित्य जीवन के प्रत्येक पक्ष को प्रस्तुत करता है किन्तु उनके साहित्य में सर्वप्रमुख स्थान नारी जीवन के कटु यथार्थ की अभिव्यक्ति का है। उषा जी के कथा साहित्य, विशेषतः उपन्यासों को नारी जीवन का प्रमुख हस्ताक्षर कहा जा सकता है। उनके उपन्यासों में पारिवारिक और सामाजिक जीवन में संघर्ष करती हुई नारी समय के साथ-साथ अत्यंत समृद्ध और विकसित व्यक्तित्व को प्राप्त करती हुई दृष्टिगोचर होती है।
राखी पचौरी संत्रास, अन्तर्द्वन्द्व, छटपटाहट, विसंगति बोध, संघर्षशील, हतप्रभ। Publication Details Published in : Volume 6 | Issue 1 | January-February 2023 Article Preview
शोधार्थिनी, हिन्दी विभाग, आगरा कॉलेज, आगरा
Date of Publication : 2023-01-15
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 168-173
Manuscript Number : SHISRRJ23672
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ23672