हिन्दी साहित्यकार उषा प्रियंवदा के उपन्यासों में चित्रित नारी यथार्थ

Authors(1) :-राखी पचौरी

आधुनिक महिला साहित्यकारों में विशिष्ट स्थान रखने वाली उषा प्रियंवदा हिन्दी साहित्य जगत का एक ऐसा नाम है जिन्होेंने न केवल राष्ट्रीय स्तर पर, अपितु अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भी ख्याति अर्जित की। उन्होंने विदेशी भूमि पर रहते हुए भी हिन्दी साहित्य को गरिमा पूर्ण स्थान प्रदान किया है। यूँ तो उषा जी का सहित्य जीवन के प्रत्येक पक्ष को प्रस्तुत करता है किन्तु उनके साहित्य में सर्वप्रमुख स्थान नारी जीवन के कटु यथार्थ की अभिव्यक्ति का है। उषा जी के कथा साहित्य, विशेषतः उपन्यासों को नारी जीवन का प्रमुख हस्ताक्षर कहा जा सकता है। उनके उपन्यासों में पारिवारिक और सामाजिक जीवन में संघर्ष करती हुई नारी समय के साथ-साथ अत्यंत समृद्ध और विकसित व्यक्तित्व को प्राप्त करती हुई दृष्टिगोचर होती है।

Authors and Affiliations

राखी पचौरी
शोधार्थिनी, हिन्दी विभाग, आगरा कॉलेज, आगरा

संत्रास, अन्तर्द्वन्द्व, छटपटाहट, विसंगति बोध, संघर्षशील, हतप्रभ।

  1. डॉ0 एन0के0 जोसेफ, हिन्दी उपन्यासों में व्यक्तिवादी चेतना, पृ0सं0-160
  2. नयना, समकालीन उपन्यास, पृ0सं0-206
  3. उषा प्रियंवदा, पचपन खंभे लाल दीवारें, पृ0सं0-135
  4. उषा प्रियंवदा, रूकोगी नहीं राधिका, पृ0सं0-49
  5. उषा प्रियंवदा, नदी, पृ0सं0-85
  6. उषा प्रियंवदा, शेषयात्रा, पृ0सं0-56
  7. उषा प्रियंवदा, अन्तर्वंशी, पृ0सं0-101-102
  8. उषा प्रियंवदा, भया कबीर उदास, पृ0सं0-175
  9. उषा प्रियंवदा, अर्कदीप्त, पृ0सं0-113
  10. उषा प्रियंवदा, अल्पविराम, पृ0सं0-22

Publication Details

Published in : Volume 6 | Issue 1 | January-February 2023
Date of Publication : 2023-01-15
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 168-173
Manuscript Number : SHISRRJ23672
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

राखी पचौरी, "हिन्दी साहित्यकार उषा प्रियंवदा के उपन्यासों में चित्रित नारी यथार्थ ", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 6, Issue 1, pp.168-173, January-February.2023
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ23672

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