Manuscript Number : SHISRRJ2472127
हिंदी कथा-साहित्य का फिल्मांतरण: प्रेम-विषयक संदर्भ
Authors(1) :-सुंदरम आनन्द प्रेम और रोमांस हिंदी सिनेमा में एक स्थिरांक की तरह अवश्य मौजूद रहा है, पर उसकी धारणा समय और समाज में हो रहे परिवर्तनों के साथ बदलती भी रही है। नेहरूवादी दौर में प्रेम विषयक फिल्मों में जहाँ एक सामाजिक संदेश होता था, वहीं 1970 के दशक तक आते-आते उसमें ग्लैमर के तत्वों का समावेश बढ़ता गया। उदारीकरण के दौर में यह बदलाव विषयवस्तु और प्रस्तुतिकरण के स्तर पर उन्मुक्त और बहुआयामी होता गया। कथा-साहित्य पर आधारित प्रेम विषयक फिल्मों में भी इन परिवर्तनों को बदलते सामाजिक नैतिक मानदंडों के साथ बदलते हुए देखा जा सकता है।
सुंदरम आनन्द हिंदी सिनेमा, फिल्मांतरण, कथा-साहित्य, प्रेम और रोमांस, बॉलीवुड, उदारीकरण। Publication Details Published in : Volume 7 | Issue 2 | March-April 2024 Article Preview
शोधार्थी, हिंदी विभाग, जामिया मिल्लिया इस्लामिया, नई दिल्ली।
Date of Publication : 2024-03-15
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 49-55
Manuscript Number : SHISRRJ2472127
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ2472127