गंगा का पौराणिक स्वरूप-उद्गम एवं आख्यान

Authors(1) :-डाॅ0 प्राची अग्रवाल

सम्पूर्ण विश्व जड़ चेतन का मिश्रित स्वरूप है। जड़ वस्तुओं में जितनी शक्तियाँ देखने को मिलती है, वे सब दैवी शक्ति के आश्रय से ही सम्भव होती है। वही दैवी शक्ति संसार का संरचन, पालन व विध्वंस करती है। जल वायु, अग्नि, आकाश और पृथ्वी के इन पंच महाभूतों में जो भी शक्ति है उसकी अधिष्ठातृ कोई न कोई चेतन शक्ति अवश्य है, इन्हीं चेतन शक्ति के अधिष्ठातृत्व से जड़ शक्तियाँ कार्य करने में समर्थ होती है। इसीलिए वह ‘देव’ या ‘देवी’ शब्द से व्यवहृत होती हैं। गंगाजल के भीतर भी चैतन्य रूपा गंगादेवी विराजमान न होती तो इनके स्पर्श से राजा सगर के साठ हजार पुत्रों की मुक्ति न हुई होती। असंख्य जीवों का कल्याण, उनकी मुक्ति, मन व आत्मा को पवित्र करने की शक्ति माँ गंगा की ही देन है। गंगा ‘हर-हर’ की अहोरात्र गर्जना के साथ पृथ्वी पर अवतरित होती है। हिमालय स्थित उस उद्गम स्थान की कल्पनामात्र भी मनुष्य के अति क्षुब्ध अन्तःकरण को क्षणमात्र में विलक्षण शान्ति का अनुभव करा देती हैं। गंगा का उद्गम स्थल ‘गोमुख’ है, गोमुख में गंगा कहाँ से प्रकट होती हैं, यह भी एक विचारणीय प्रश्न है। गंगा तो इस हिमपर्वत पर हिमरूप में प्राप्त होकर तरल रूप में प्रवाहित होती है। भारत के अनेक स्थलों को आप्लावित करती हुई गंगासागर में विलीन हो जाती है। समस्त वैदिकग्रन्थ, पुराण, साहित्य माँ गंगा की अखण्ड महिमा का गान करते हैं। सभी पुराणों में उनसे सम्बन्धित आख्यान प्राप्त होते हैं। माँ गंगा के पतितपावनी रूप का शतयोजन दूर रहकर भी स्मरण करता है। वह ‘मुंच्यते सर्वपापेभ्यः विष्णुलोकं स गच्छति’ मुक्त होकरं विष्णुलोक को चला जाता है।

Authors and Affiliations

डाॅ0 प्राची अग्रवाल
सहायक आचार्य, मुलतानीमल मोदी काॅलिज मोदीनगर, गाजियाबाद।

गंगा, पौराणिक, आख्यान, आकाश, गोमुख, पुराण, साहित्य, हिमालय।

  1. ऋग्वेद - चैखम्बा प्रकाशन वाराणसी।
  2. शतपथ ब्राह्मण - चैखम्बा प्रकाशन वाराणसी।
  3. ऐतरेय ब्राह्मण - चैखम्बा प्रकाशन वाराणसी।
  4. वराह पुराण - गीता प्रेस, गोरखपुर।
  5. पदम पुराण - गीता प्रेस, गोरखपुर।
  6. विष्णु पुराण - चैखम्बा प्रकाशन वाराणसी।
  7. ब्रह्मपुराण - चैखम्बा प्रकाशन वाराणसी
  8. नारद पुराण - गीता प्रेस गोरखपुर।
  9. रामायण - गीता प्रेस गोरखपुर।
  10. महाभारत - गीता प्रेस गोरखपुर।
  11. संस्कृत के पौराणिक आख्यान - चैखम्बा प्रकाश वाराणसी।

Publication Details

Published in : Volume 8 | Issue 1 | January-February 2025
Date of Publication : 2025-02-10
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 39-43
Manuscript Number : SHISRRJ25817
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

डाॅ0 प्राची अग्रवाल, "गंगा का पौराणिक स्वरूप-उद्गम एवं आख्यान ", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 8, Issue 1, pp.39-43, January-February.2025
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ25817

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