आरण्यकों में प्रतिपादित विषयों का परिचयात्मक विमर्श

Authors(2) :-डॉ.बालकृष्ण प्रजापति, गौतम आर्य

आरण्यकों के प्रतिपाद्य विषय सम्बन्धित स्पष्टता पूरी हुई मानी जा सकती है । जिससे ज्ञात होता है कि अन्य विषयों के साथ ही प्राणविद्या व प्रतीकोपासना आरण्यकग्रन्थों का मुख्य प्रतिपाद्य रहा है ।प्राण की इसी सर्वव्यापकता तथा अध्यात्मिकता का विकास आगे चलकर औपनिषदिक ब्रह्मचिन्तन

Authors and Affiliations

डॉ.बालकृष्ण प्रजापति
शोध-मार्गनिर्देशक, (प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष) संजय गाँधी स्मृति पी.जी.महाविद्यालय, गंजबासौदा, (मध्यप्रदेश)
गौतम आर्य
शोधच्छात्र, शासकीय हमीदिया कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय, भोपाल, (मध्य प्रदेश)

आरण्यक, सर्वव्यापकता, प्रतीकोपासना, अध्यात्मिकता, औपनिषदिक, ब्रह्मचिन्तन।

  1. सायण, ऐतरेय ब्राह्मण, भूमिका
  2. सायण, ऐतरेय आरण्यक, भूमिका
  3. ऐतरेय आरण्यक 2.3.8.5.
  4. ऐतरेय आरण्यक
  5. ऐतरेय आरण्यक
  6. मैत्रायणी आरण्यक 6/9
  7. तैत्तिरीय ब्राह्मण 3/10/9-12.
  8. तैत्तिरीय आरण्यक 2/1/1
  9. तैत्तिरीय आरण्यक 2/7/1
  10. बृहदारण्यक 4/4/22.
  11. तैत्तिरीय आरण्यक2/20
  12. शांखायन आरण्यक 6/1
  13. मैत्रायणी आरण्यक ¼

Publication Details

Published in : Volume 8 | Issue 1 | January-February 2025
Date of Publication : 2025-01-15
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 197-202
Manuscript Number : SHISRRJ25835
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

डॉ.बालकृष्ण प्रजापति, गौतम आर्य , "आरण्यकों में प्रतिपादित विषयों का परिचयात्मक विमर्श", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 8, Issue 1, pp.197-202, January-February.2025
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ25835

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