Manuscript Number : SISRRJ18129
श्रीमद्भगवद्गीता और सांख्ययोगतत्त्व
Authors(1) :-डॉ॰ संजीव कुमार श्रीमद्भगवद्गीता सांख्य दर्शन का प्रतिनिधि ग्रन्थ माना जाता है। गीता में सांख्य के अनेक सूत्र मिलते हैं। सांख्य में 25 तत्त्व, 13 करण, व्यक्त, अव्यक्त, ज्ञ, सत्कार्यवाद की चर्चा की गई है। श्रीकृष्ण गीता में अर्जुन को प्रकारान्तर से सांख्य का उपदेश देते हुए आत्मबोध कराते हैं।
डॉ॰ संजीव कुमार गीता, सांख्य, कपिलमुनि, आध्यात्मिक, आधिभौतिक, आधिदैविक, दुःख-निवृत्ति, पञ्चमहाभूत, पञ्चकर्मेन्द्रिय, पञ्चतन्मात्रा, पञ्चमहाभूत इत्यादि। Publication Details Published in : Volume 1 | Issue 2 | July-August 2018 Article Preview
प्रवक्ता (हिन्दी), शिक्षा निदेशालय, दिल्ली सरकार, भारत।
Date of Publication : 2018-08-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 78-82
Manuscript Number : SISRRJ18129
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SISRRJ18129