नैतिकता और मानवीय मूल्य (संस्कृत साहित्य और आधुनिक परिप्रेक्ष्य में)

Authors(1) :-डाॅ0 रुचि पाण्डेय

बिखरते हुए मानव-मूल्यों को समय के प्रवाह के साथ सहेजना होगा। इसका दायित्त्व सर्वप्रथम माता-पिता पर समाज के उस प्रबुद्ध वर्ग जिनमें शिक्षक, चिकित्सक, अभियांत्रिक, साहित्यकार और विद्धान पर भी हैं। जिनके द्वारा एक स्वस्थ पीढ़ी का निर्माण हो सकता है।

Authors and Affiliations

डाॅ0 रुचि पाण्डेय
एसो.प्रोफे. संस्कृत, आगरा काॅलेज, आगरा,उत्तर प्रदेश, भारत।

संस्कृत, साहित्य, नैतिकता, मानवीय-मूल्य।

  1. संस्कृत साहित्य का इतिहास - डाॅ0 चन्द्रशेखर पाण्डेय
  2. संस्कृत साहित्य का इतिहास - डाॅ0 जयकिशन प्रसाद खण्डेलवाल
  3. रामायण -वाल्मिकि
  4. महाभारत -वेदव्यास
  5. श्रीमद्भगवद्गीता - गीता प्रेस
  6. नीति शतकम् -भर्तृहरि
  7. रघुवंशम् - कालिदास

Publication Details

Published in : Volume 3 | Issue 5 | September-October 2020
Date of Publication : 2020-09-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 352-354
Manuscript Number : SHISRRJ203106
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

डाॅ0 रुचि पाण्डेय, "नैतिकता और मानवीय मूल्य (संस्कृत साहित्य और आधुनिक परिप्रेक्ष्य में)", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 3, Issue 5, pp.352-354, September-October.2020
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ203106

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